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नई दिल्ली, Farmer Loan :- भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसानों की मेहनत पर ही देश की अर्थव्यवस्था टिकी है। लेकिन आज के समय में परंपरागत तरीकों से खेती करना न केवल कठिन है, बल्कि लाभदायक भी नहीं रह गया है। ऐसे में खेती को आसान और फायदेमंद बनाने के लिए सरकार ने कृषि यंत्र सब्सिडी योजना और कृषि यंत्र लोन योजना शुरू की है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक खेती की ओर प्रोत्साहित करना और उनकी आय बढ़ाना है।

योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती के लिए आधुनिक और जरूरी मशीनरी मुहैया कराना है, ताकि वे कम समय और मेहनत में अधिक उत्पादन कर सकें। सरकार चाहती है कि किसान ट्रैक्टर, थ्रेशर, पावर टिलर, स्प्रेयर जैसी आधुनिक मशीनों का उपयोग करें। इससे न केवल लागत घटेगी बल्कि फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ेगी।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
यह योजना भारत के सभी छोटे, सीमांत, मध्यम और बड़े किसानों के लिए लागू है। हालांकि, प्राथमिकता लघु और सीमांत किसानों को दी जाती है। योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के पास खेती योग्य भूमि, आधार कार्ड, बैंक खाता और फैमिली आईडी होना अनिवार्य है। साथ ही पहले किसी योजना के तहत यह लाभ न लिया गया हो।
कौन-कौन से यंत्रों पर मिलती है सब्सिडी?
सरकार इस योजना के तहत किसानों को विभिन्न यंत्रों की खरीद पर 40% से 80% तक की सब्सिडी देती है। इसमें मुख्य रूप से ट्रैक्टर (20 से 40 HP), पावर टिलर, रोटावेटर, थ्रेशर, रीपर, स्प्रेयर, मल्टीक्रॉप थ्रेशर, बेलर आदि शामिल हैं। सब्सिडी की राशि यंत्र के प्रकार, किसान की श्रेणी (SC/ST/महिला आदि) और राज्य की नीति पर निर्भर करती है।
कृषि यंत्र लोन योजना क्या है?
हालांकि सरकार सब्सिडी देती है, लेकिन कई बार मशीनों की कीमत इतनी अधिक होती है कि किसान उसे सीधे नहीं खरीद सकता। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लोन सुविधा भी शुरू की है। अब किसान बैंकों से या नाबार्ड से सहायता प्राप्त संस्थानों से कृषि यंत्र खरीदने के लिए आसान लोन ले सकते हैं।
लोन की विशेषताएं क्या हैं?
कृषि यंत्र लोन ₹50,000 से ₹10 लाख तक का हो सकता है, जो यंत्र की कीमत पर निर्भर करता है। यह लोन 4% से 9% तक की ब्याज दर पर मिलता है और इसे 3 से 7 साल में आसान किश्तों में चुकाया जा सकता है। कुछ मामलों में सरकार ब्याज पर भी सब्सिडी देती है। लोन के लिए किसान को जमीन के कागज, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, फोटो और यंत्र का कोटेशन देना होता है।
आवेदन कैसे करें?
कृषि यंत्र सब्सिडी और लोन दोनों के लिए आवेदन प्रक्रिया लगभग एक जैसी है। किसान को अपने राज्य की कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। उसके बाद किसान अपना यंत्र चुनकर जरूरी दस्तावेज अपलोड करता है। यदि वह लोन भी लेना चाहता है तो बैंक से संपर्क कर लोन प्रक्रिया शुरू कर सकता है। आवेदन की स्थिति किसान पोर्टल पर लॉगिन करके चेक कर सकता है।
राज्यवार पोर्टल लिंक
हर राज्य का अपना पोर्टल होता है जैसे – हरियाणा के लिए agriharyana.gov.in, उत्तर प्रदेश के लिए upagriculture.com, बिहार के लिए dbtagriculture.bihar.gov.in आदि। किसान इन पोर्टलों पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और योजना से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना से किसानों को क्या फायदा होता है?
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान अब खेती को मेहनत के साथ-साथ समझदारी से कर सकते हैं। आधुनिक यंत्रों से खेती करने पर फसल की बोवाई, सिंचाई, कटाई और थ्रेशिंग जैसे काम बहुत जल्दी और कम लागत में हो जाते हैं। इससे न सिर्फ किसान की आय बढ़ती है बल्कि समय की भी बचत होती है। किसान यंत्रों को किराए पर भी देकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।
कुछ जरूरी सावधानियां
आवेदन करते समय किसान को पूरी जानकारी सावधानी से भरनी चाहिए। मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल्स सही होनी चाहिए ताकि DBT से सब्सिडी का पैसा सीधे खाते में पहुंच सके। किसी दलाल या निजी एजेंट के जरिए आवेदन न करें, केवल सरकारी पोर्टल पर ही आवेदन करें।
Rohit Kumar is a dedicated author at LoanRising.com, passionate about simplifying complex financial concepts. With a focus on loans, personal finance, and financial literacy, he delivers insightful, reader-friendly content. Rohit aims to empower individuals with the knowledge needed to make informed financial decisions and achieve their monetary goals.