नई दिल्ली, Dairy Entrepreneurship Development Loan Scheme :- भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ दूध उत्पादन में किसान और पशुपालक बड़ी भूमिका निभाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लाखों लोग दूध बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं। लेकिन कई बार पशुपालकों को आर्थिक तंगी की वजह से नए पशु खरीदने, डेयरी यूनिट शुरू करने या आधुनिक मशीनें लगाने में परेशानी होती है। इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Dairy Entrepreneurship Development Loan Scheme) की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य है – पशुपालन को प्रोत्साहन देना, किसानों की आय बढ़ाना और देश में दूध उत्पादन को बढ़ाना। इस योजना के माध्यम से किसानों को लोन और सब्सिडी दोनों सुविधाएँ दी जाती हैं ताकि वे आसानी से अपना डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकें।

Dairy Entrepreneurship Development Loan Scheme का उद्देश्य
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पशुपालन को बढ़ावा देना – छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद देकर डेयरी व्यवसाय से जोड़ना।
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दूध उत्पादन बढ़ाना – आधुनिक साधनों और अधिक पशुओं से दूध की मात्रा व गुणवत्ता में सुधार करना।
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रोज़गार सृजन – ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर देना।
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सहायक उद्योग विकसित करना – चारा उत्पादन, दूध प्रोसेसिंग, दूध उत्पाद बनाने जैसे कामों को बढ़ावा देना।
इस योजना के तहत क्या-क्या लाभ मिलते हैं?
Dairy Entrepreneurship Development Loan Scheme में किसानों और पशुपालकों को कई तरह की सुविधाएँ दी जाती हैं। इनमें प्रमुख हैं:
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नए पशु खरीदने के लिए लोन : किसान 2 गाय या 10 भैंसों तक के छोटे-बड़े डेयरी यूनिट बनाने के लिए बैंक से लोन ले सकते हैं।
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सब्सिडी की सुविधा : सरकार द्वारा लिए गए लोन पर 25% से 33% तक की सब्सिडी दी जाती है। SC/ST और महिलाओं को ज्यादा सब्सिडी मिलती है।
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दूध प्रोसेसिंग यूनिट : दूध को ठंडा रखने, पैकिंग करने और उससे अन्य उत्पाद बनाने के लिए भी वित्तीय सहायता मिलती है।
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चारा उत्पादन : हरे चारे के उत्पादन के लिए भी मदद दी जाती है ताकि पशुओं के पोषण में कमी न आए।
Dairy Entrepreneurship Development Loan Scheme के अंतर्गत कौन-कौन पात्र हैं?
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किसान और पशुपालक
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स्वरोजगार शुरू करना चाहने वाले युवा
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स्वयं सहायता समूह (SHG)
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महिला डेयरी समूह
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सहकारी समितियाँ और कंपनियाँ
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किसान क्लब या गैर-सरकारी संगठन (NGO)
डेयरी यूनिट पर मिलने वाली सब्सिडी
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गाय आधारित यूनिट (2 गाय तक)
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कुल प्रोजेक्ट लागत: लगभग ₹1.50 लाख
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सब्सिडी: 25% (सामान्य वर्ग के लिए) और 33.33% (SC/ST/महिला के लिए)
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भैंस आधारित यूनिट (10 पशु तक)
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कुल प्रोजेक्ट लागत: लगभग ₹4-5 लाख
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सब्सिडी: 25% से 33.33% तक
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दूध चिलिंग/प्रोसेसिंग यूनिट
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मशीनों और प्रोसेसिंग सेटअप पर भी यही सब्सिडी लागू होती है।
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Dairy Entrepreneurship Development Loan Scheme की शर्तें
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Dairy Entrepreneurship Development Loan Scheme किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण बैंक या सहकारी बैंक से लिया जा सकता है।
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अधिकतम प्रोजेक्ट लागत का 25% किसान को स्वयं लगाना होता है।
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बाकी राशि बैंक लोन के रूप में उपलब्ध कराता है।
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ब्याज दर बैंक की नीतियों पर निर्भर करती है।
योजना के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
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आधार कार्ड और पैन कार्ड
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बैंक खाता पासबुक
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निवास प्रमाण पत्र
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पशुपालन का अनुभव (यदि हो तो)
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प्रोजेक्ट रिपोर्ट (बैंक को जमा करनी होती है)
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जाति प्रमाण पत्र (SC/ST के लिए)
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पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन कैसे करें?
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सबसे पहले नजदीकी राष्ट्रीयकृत बैंक (जैसे SBI, PNB, BOI आदि) या ग्रामीण बैंक से संपर्क करें।
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बैंक को एक डेयरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट देनी होगी जिसमें यूनिट का आकार, खर्च और आय का विवरण होगा।
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बैंक आवेदन की जांच करने के बाद लोन पास करता है।
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Dairy Entrepreneurship Development Loan Scheme मिलने के बाद किसान पशु खरीद सकते हैं और डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
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सब्सिडी की राशि बैंक के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाती है।
इस योजना के फायदे
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किसानों को डेयरी शुरू करने के लिए आर्थिक मजबूती मिलती है।
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दूध उत्पादन बढ़ने से बाज़ार में अच्छी आय प्राप्त होती है।
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ग्रामीण इलाकों में युवाओं और महिलाओं को रोज़गार मिलता है।
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देश में डेयरी उद्योग मजबूत होता है और दूध की गुणवत्ता बेहतर होती है।
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पशुओं के लिए चारे और इलाज की सुविधा भी बेहतर हो जाती है।
एक उदाहरण से समझिए
मान लीजिए, कोई किसान 2 गायों की डेयरी यूनिट बनाना चाहता है। इसके लिए लगभग ₹1.50 लाख की लागत आती है।
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बैंक उसे ₹1.10 लाख तक का लोन देता है।
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किसान को लगभग ₹40,000 खुद लगाना पड़ता है।
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बाद में सरकार 25% यानी लगभग ₹37,500 की सब्सिडी देती है।
इस तरह किसान पर आर्थिक बोझ काफी कम हो जाता है और वह आराम से डेयरी चला सकता है।
Rohit Kumar is a dedicated author at LoanRising.com, passionate about simplifying complex financial concepts. With a focus on loans, personal finance, and financial literacy, he delivers insightful, reader-friendly content. Rohit aims to empower individuals with the knowledge needed to make informed financial decisions and achieve their monetary goals.